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IPL 2025: चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़, - 11 लोगों की जान गई, अधिक लोग घायल होनेका खबर है

Bengaluru today:- बंगलूरू में आरसीबी के पहले आईपीएल खिताब जीतने के बाद आयोजित कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई। एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई इस घटना में कई लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। पूरा जानने के लिए और नीचे पड़े।


आईपीएल 2025 में अपनी पहली जीत का जश्न मना रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) की टीम को देखने के लिए हजारों प्रशंसक बंगलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। इस दौरान मची भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत (आधिकारिक जानकारी) हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं।

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर कैसे मची भगदड़:-
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब स्टेडियम में आरसीबी टीम के सम्मान समारोह की शुरुआत होने वाली थी, तब एक साथ बड़ी संख्या में लोग अंदर जाने की कोशिश करने लगे। इससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।


ज्यादा भीड़ पहुंचने से बिगड़ी स्थिति:-
घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों को भीड़ नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। हालात काबू में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया गया। कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े, जिन्हें एंबुलेंस से पास के अस्पतालों में पहुंचाया गया। कुछ लोगों को मौके पर ही सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की गई।

पहले ही जारी की गई थी ट्रैफिक एडवाइजरी:-
बंगलूरू पुलिस की ओर से पहले ही सलाह दी गई थी कि केवल वैध टिकट या पास रखने वालों को ही स्टेडियम में प्रवेश मिलेगा। साथ ही लोगों को निजी वाहन लाने से बचने और मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को कहा गया था, क्योंकि पार्किंग की सुविधा सीमित है। बता दें कि, यह विशेष सम्मान समारोह कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) की तरफ से आयोजित किया गया था। पहली बार आईपीएल जीतने के बाद आरसीबी टीम के खिलाड़ी अपने प्रशंसकों से मिलने स्टेडियम पहुंचे थे।

11 से ज्यादा लोगों की मौत- 
आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ पर कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, 'राज्य सरकार को इस त्रासदी की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जब पूरा देश और कर्नाटक RCB की जीत का जश्न मना रहा था, तब राज्य सरकार ने बिना किसी पूर्व तैयारी के विजय रैली निकालने की जल्दबाजी की, जिससे यह त्रासदी हुई। राज्य सरकार ने कभी पूर्व तैयारियों की परवाह नहीं की। उन्हें प्रचार में अधिक रुचि थी। इसका नतीजा यह हुआ कि 11 से अधिक लोगों की मौत हो गई। कुछ लोग आईसीयू में हैं। मैंने कुछ पीड़ितों से बात की, अंदर कोई पुलिस नहीं थी, कोई एम्बुलेंस सुविधा नहीं थी। मुख्यमंत्री को मामले को न्यायिक जांच के लिए भेजना चाहिए।'